"आईना..........." लबाना सिख समाज के लिये: (प्रथम किस्त)
लबाना सिख समाज के लिये: 👇 "आईना..........." ✍ लेखक : जी. एस. लबाना सम्पादक- लबाना जागृति सन्देश 👇👇 ना साहिब श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी का ! ना गुरुजनों का ! ना समाज का ! और ना ही लोक लाज का डर ! जिसे चाहे जो कहता रहे, बस मैं, और मैं ही सही हूं । लबाना सिख समाज में एसी सोच रखने वाले, करने वालों की लिस्ट बहूत लम्बी है, लिस्ट की कुछ घटनाओं पर नज़र डालें- 👉 1- साहिब श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की हजूरी में सगाई (कुडमाई) की रस्म गुरुमर्यादानुसार हुकमनामा लेकर पक्की हो जाती है, कुछ समय बाद छोटी मोटी बातों को लेकर सगाई टूट जाती है, दोष वर-पक्ष का हो या वधु-पक्ष का, पर गुरु घर में गुरुमर्यादानुसार हुई सगाई को तोडकर किसने साहिब श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का मान रखा? 👉 2- सगाई से आगे बढते हैं, गुरुमर्यादानुसार गुरु घर में साहिब श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की हजूरी में लवें पड़ी जाती हैं, धूम धाम से शादी हो जाती है, न...