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गुरु गोविन्द सिंह जी के चार साहिब जादों को अरदास में रोज याद करते

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  गुरु गोविन्द सिंह जी के चार साहिब जादों को अरदास में रोज याद करते 🙏 इस सत्संग में कथा वाचक जी बता रहे हैं कि इतिहास गवाह है, राजा दशरथ के चार बेटे थे, औरंगजेब के चार बेटे थे, और साहिब  श्री गुरु गोविन्द सिंह जी  के भी चार बेटे थे। औरंगजेब कहते थे मैं गुरु गोविन्द सिंह के चारो बेटों को खत्म कर दूंगा।  गुरु गोविन्द सिंह जी  का नामो निशान मिटा दूंगा। पर सिख कौम को गर्व है कि  पूरी दुनियां में 195 देश हैं, 195 देशों में से 128 देशों श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश होता है और  रोज सुबह शाम दोनों टाईम अरदास में दस गुरुओं को याद करने के साथ पंज  प्यारे, *चार साहिब जादे*, चालिहां युक्तियों  को याद किया जाता है"।  (चार साहिब जादे = अर्थत श्री गुरु गोविन्द सिंह जी   के पुत्र) विडियो देखें 👇 https://youtu.be/oBlknFKTSR0

अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये

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  अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा,  श्री हरि  स्मरण से करिये। *अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये*:- 🙏🙏 *श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग: 732 दिनांक  11-12-2022  को  प्रात: जारी  हुकमनामा : *पंजाबी,  हिन्दी व अंग्रेजी में अनुवाद  सहित पढिये*:-  🙏🙏 🌹*Please cover your head & Remove your shoes before reading Hukamnama sahib Ji* 🙏 *Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib Sri Amritsar,   Ang  732, 11-Dec.-2022 🙏🙏 ਸੂਹੀ ਮਹਲਾ ੪ ਘਰੁ ੨ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥  ਗੁਰਮਤਿ ਨਗਰੀ ਖੋਜਿ ਖੋਜਾਈ ॥ ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਪਦਾਰਥੁ ਪਾਈ ॥੧॥ ਮੇਰੈ ਮਨਿ ਹਰਿ ਹਰਿ ਸਾਂਤਿ ਵਸਾਈ ॥ ਤਿਸਨਾ ਅਗਨਿ ਬੁਝੀ ਖਿਨ ਅੰਤਰਿ ਗੁਰਿ ਮਿਲਿਐ ਸਭ ਭੁਖ ਗਵਾਈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਵਾ ਜੀਵਾ ਮੇਰੀ ਮਾਈ ॥ ਸਤਿਗੁਰਿ ਦਇਆਲਿ ਗੁਣ ਨਾਮੁ ਦ੍ਰਿੜਾਈ ॥੨॥ ਹਉ ਹਰਿ ਪ੍ਰਭੁ ਪਿਆਰਾ ਢੂਢਿ ਢੂਢਾਈ ॥ ਸਤਸੰਗਤਿ ਮਿਲਿ ਹਰਿ ਰਸੁ ਪਾਈ ॥੩॥ ਧੁਰਿ ਮਸਤਕਿ ਲੇਖ ਲਿਖੇ ਹਰਿ ਪਾਈ ॥ ਗੁਰੁ ਨਾਨਕੁ ਤੁਠਾ ਮੇਲੈ ਹਰਿ ਭਾਈ ॥੪॥੧॥੫॥ 🙏🙏 सूही महला...

सच्चे गुरु सिख की 13 निशानियां (पहचान)

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  सच्चे गुरु सिख की 13 निशानियां (पहचान) 🙏🙏 👉 1-  हर समय सचेत रहकर स्वांसों को सफल करता है। अर्थात: हर समय सावधान रहकर  परमात्मा का  स्मरण करता है। सिमरण में रहता है ।  👉 2- दूसरी निशानी सचेत रहता है और स्वपन में भी किसी का बुरा नहीं सोचता।  👉 3- एकांत में  भी बुरा काम करने से  डरता है।  👉 4-  कभी किसी की खुशी को लताड़  कर (कुचलकर) अपनी खुशी नहीं मांगता/मनाता।  👉 5- देख के अणडिठ करने का यतन करता है अर्थात: इधर-उधर की बातों में ध्यान नहीं देता।  👉 6- माया (लोभ-लालच)  से उपर उठ जाता है।  👉 7- सरबत का (सभी का) भला करता है और सरबत (सभी का) भला   मांगता है ।  👉 8-  दुखों से दुखी नहीं  होता विचलित नहीं होता, विलाप नहीं करता,  और सुखों में उच्छला (अहंकार) नहीं करता ।  👉 9- दुख में भी सुख खोजने का प्रयास करता है।  👉 10- किसी तरफ भी, किसी तरह से अपने आचरण को गिरने नहीं देता ।  👉 11- इस दुनियां में अपने आप को मुसाफिर  समझता है ।  👉 12-  अपनी बढ़ाई (त...

पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई गुरूशरन सिंह जी अजमेर में: आज विशेष कीर्तन दरबार में संगत को करेंगे निहाल......

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  पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई गुरूशरन सिंह जी अजमेर में:  आज विशेष कीर्तन दरबार में संगत को करेंगे निहाल......  अजमेर । आज शनिवार 10 दिसम्बर 22 को सीनियर रेलवे इन्सीट्यूट, अजंता सिनेमा के सामने,  अजमेर में विशेष कीर्तन दरबार सांय 7-30 बजे से रात्रि 10-00 बजे तक सजेगा।  जिसमें पंथ प्रसिद्ध  भाई गुरूशरन सिंह जी लुधियाना वाले गरबाणी  गुरुजस  गायन कर संगत को निहाल करेगे।   दूसरे दिन रविवार 11 दिसम्बर 2022 को इसी स्थान पर प्रात: अमृत वेले 3-45 से 5-30 बजे तक गुरुबाणी सिमरन साधना हर जस गायन होगा।   यह आयोजन सिमरन साधना परिवार के सहयोग से श्री गुरु तेग बहादुर  सत्संग सभा, धोला भाटा, अजमेर की ओर से किया जा रहा है।  कीर्तन दरबार की समाप्ति उपरान्त अरदास व गुरु का लंगर अटूट बरतेगा, चाय नाश्ते का प्रबन्ध रहेगा। सिमरन साधना परिवार एवं श्री तेग बहादुर सत्संग सभा  ने समूह नानक नाम लेवा साध संगत के  चरणों विनती है कि समयानुसार पधार कर कीर्तन दरबार में तन, मन,  धन से सहयोग करके गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त कर अपना लोक -परलो...

अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये

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 अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये *श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग: 686 दिनांक  09-12-2022  को  प्रात: जारी  हुकमनामा : *पंजाबी,  हिन्दी व अंग्रेजी में अनुवाद  सहित पढिये*:-  🙏🙏 🌹*Please cover your head & Remove your shoes before reading Hukamnama sahib Ji* 🙏 *Sachkhand Sri Harmandir Sahib Amritsar Vikhe Hoea Amrit Wele Da Mukhwak: 09-12-2022 ANG 686 🙏🙏 ਧਨਾਸਰੀ ਮਹਲਾ ੫ ਘਰੁ ੬ ਅਸਟਪਦੀ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ਜੋ ਜੋ ਜੂਨੀ ਆਇਓ ਤਿਹ ਤਿਹ ਉਰਝਾਇਓ ਮਾਣਸ ਜਨਮੁ ਸੰਜੋਗਿ ਪਾਇਆ ॥ ਤਾਕੀ ਹੈ ਓਟ ਸਾਧ ਰਾਖਹੁ ਦੇ ਕਰਿ ਹਾਥ ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਮੇਲਹੁ ਹਰਿ ਰਾਇਆ ॥੧॥ ਅਨਿਕ ਜਨਮ ਭ੍ਰਮਿ ਥਿਤਿ ਨਹੀ ਪਾਈ ॥ ਕਰਉ ਸੇਵਾ ਗੁਰ ਲਾਗਉ ਚਰਨ ਗੋਵਿੰਦ ਜੀ ਕਾ ਮਾਰਗੁ ਦੇਹੁ ਜੀ ਬਤਾਈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਅਨਿਕ ਉਪਾਵ ਕਰਉ ਮਾਇਆ ਕਉ ਬਚਿਤਿ ਧਰਉ ਮੇਰੀ ਮੇਰੀ ਕਰਤ ਸਦ ਹੀ ਵਿਹਾਵੈ ॥ ਕੋਈ ਐਸੋ ਰੇ ਭੇਟੈ ਸੰਤੁ ਮੇਰੀ ਲਾਹੈ ਸਗਲ ਚਿੰਤ ਠਾਕੁਰ ਸਿਉ ਮੇਰਾ ਰੰਗੁ ਲਾਵੈ ॥੨॥ ਪੜੇ ਰੇ ਸਗਲ ਬੇਦ ਨਹ ਚੂਕੇ ਮਨ ਭੇਦ ਇਕੁ ਖਿਨੁ ਨ ਧੀਰਹਿ ਮੇਰੇ ਘਰ ਕੇ ਪੰਚਾ ॥ ਕੋਈ ਐਸੋ ਰੇ ਭਗਤੁ ਜੁ ਮਾਇਆ ਤੇ ਰਹਤੁ ਇਕੁ ...

अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये

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 अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये *अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये*:- 🙏🙏 *श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग: 616 दिनांक  08-12-2022  को  प्रात: जारी  हुकमनामा : *पंजाबी,  हिन्दी व अंग्रेजी में अनुवाद  सहित पढिये*:-  🙏🙏 🌹*Please cover your head & Remove your shoes before reading Hukamnama sahib Ji* 🙏 *Amrit wele da Hukamnama Sachkhand Shri Harmandar Sahib Amritsar, Ang-616, 08-12-2022 🙏🙏 ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੫ ॥ ਮਾਇਆ ਮੋਹ ਮਗਨੁ ਅੰਧਿਆਰੈ ਦੇਵਨਹਾਰੁ ਨ ਜਾਨੈ ॥ ਜੀਉ ਪਿੰਡੁ ਸਾਜਿ ਜਿਨਿ ਰਚਿਆ ਬਲੁ ਅਪੁਨੋ ਕਰਿ ਮਾਨੈ ॥੧॥ ਮਨ ਮੂੜੇ ਦੇਖਿ ਰਹਿਓ ਪ੍ਰਭ ਸੁਆਮੀ ॥ ਜੋ ਕਿਛੁ ਕਰਹਿ ਸੋਈ ਸੋਈ ਜਾਣੈ ਰਹੈ ਨ ਕਛੂਐ ਛਾਨੀ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਜਿਹਵਾ ਸੁਆਦ ਲੋਭ ਮਦਿ ਮਾਤੋ ਉਪਜੇ ਅਨਿਕ ਬਿਕਾਰਾ ॥ ਬਹੁਤੁ ਜੋਨਿ ਭਰਮਤ ਦੁਖੁ ਪਾਇਆ ਹਉਮੈ ਬੰਧਨ ਕੇ ਭਾਰਾ ॥੨॥ ਦੇਇ ਕਿਵਾੜ ਅਨਿਕ ਪੜਦੇ ਮਹਿ ਪਰ ਦਾਰਾ ਸੰਗਿ ਫਾਕੈ ॥ ਚਿਤ੍ਰ ਗੁਪਤੁ ਜਬ ਲੇਖਾ ਮਾਗਹਿ ਤਬ ਕਉਣੁ ਪੜਦਾ ਤੇਰਾ ਢਾਕੈ ॥੩॥ ਦੀਨ ਦਇਆਲ ਪੂਰਨ ਦੁਖ ਭੰਜਨ ਤੁਮ ਬਿ...

अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये*:

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  अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि  स्मरण से करिये*: श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग: 601 दिनांक  06-12-2022  को  प्रात: जारी  हुकमनामा : *पंजाबी,  हिन्दी व अंग्रेजी में अनुवाद  सहित पढिये*:-  🙏🙏 🌹*Please cover your head & Remove your shoes before reading Hukamnama sahib Ji* 🙏 * Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 601, 06-12-22 ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੩ ॥ ਹਰਿ ਜੀਉ ਤੁਧੁ ਨੋ ਸਦਾ ਸਾਲਾਹੀ ਪਿਆਰੇ ਜਿਚਰੁ ਘਟ ਅੰਤਰਿ ਹੈ ਸਾਸਾ ॥ ਇਕੁ ਪਲੁ ਖਿਨੁ ਵਿਸਰਹਿ ਤੂ ਸੁਆਮੀ ਜਾਣਉ ਬਰਸ ਪਚਾਸਾ ॥ ਹਮ ਮੂੜ ਮੁਗਧ ਸਦਾ ਸੇ ਭਾਈ ਗੁਰ ਕੈ ਸਬਦਿ ਪ੍ਰਗਾਸਾ ॥੧॥ ਹਰਿ ਜੀਉ ਤੁਮ ਆਪੇ ਦੇਹੁ ਬੁਝਾਈ ॥ ਹਰਿ ਜੀਉ ਤੁਧੁ ਵਿਟਹੁ ਵਾਰਿਆ ਸਦ ਹੀ ਤੇਰੇ ਨਾਮ ਵਿਟਹੁ ਬਲਿ ਜਾਈ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਹਮ ਸਬਦਿ ਮੁਏ ਸਬਦਿ ਮਾਰਿ ਜੀਵਾਲੇ ਭਾਈ ਸਬਦੇ ਹੀ ਮੁਕਤਿ ਪਾਈ ॥ ਸਬਦੇ ਮਨੁ ਤਨੁ ਨਿਰਮਲੁ ਹੋਆ ਹਰਿ ਵਸਿਆ ਮਨਿ ਆਈ ॥ ਸਬਦੁ ਗੁਰ ਦਾਤਾ ਜਿਤੁ ਮਨੁ ਰਾਤਾ ਹਰਿ ਸਿਉ ਰਹਿਆ ਸਮਾਈ ॥੨॥ ਸਬਦੁ ਨ ਜਾਣਹਿ ਸੇ ਅੰਨੇ ਬੋਲੇ ਸੇ ਕਿਤੁ ਆਏ ਸੰਸਾਰਾ ॥ ਹਰਿ ਰਸੁ ਨ ਪਾਇਆ ਬਿਰਥਾ ਜਨਮੁ ਗਵਾਇਆ ਜੰਮਹਿ ਵਾਰੋ ਵਾਰਾ ॥ ਬਿਸਟਾ ਕੇ...