अपनी प्रात: का शुभारंभ प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये
श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के अंग 619 दिनांक 01-08-2023 को प्रात: जारी गुरुबाणी, अमृतवचन/हुकमनामा : पंजाबी, हिन्दी व अंग्रेजी में अर्थ सहित पढ़िए 🙏 Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 619, Date 01-08-2023 🙏🙏 ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੫ ॥ ਹਮਰੀ ਗਣਤ ਨ ਗਣੀਆ ਕਾਈ ਅਪਣਾ ਬਿਰਦੁ ਪਛਾਣਿ ॥ ਹਾਥ ਦੇਇ ਰਾਖੇ ਕਰਿ ਅਪੁਨੇ ਸਦਾ ਸਦਾ ਰੰਗੁ ਮਾਣਿ ॥੧॥ ਸਾਚਾ ਸਾਹਿਬੁ ਸਦ ਮਿਹਰਵਾਣ ॥ ਬੰਧੁ ਪਾਇਆ ਮੇਰੈ ਸਤਿਗੁਰਿ ਪੂਰੈ ਹੋਈ ਸਰਬ ਕਲਿਆਣ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਜੀਉ ਪਾਇ ਪਿੰਡੁ ਜਿਨਿ ਸਾਜਿਆ ਦਿਤਾ ਪੈਨਣੁ ਖਾਣੁ ॥ ਅਪਣੇ ਦਾਸ ਕੀ ਆਪਿ ਪੈਜ ਰਾਖੀ ਨਾਨਕ ਸਦ ਕੁਰਬਾਣੁ ॥੨॥੧੬॥੪੪॥ 🙏🙏 सोरठि महला ५ ॥ हमरी गणत न गणीआ काई अपणा बिरदु पछाणि ॥ हाथ देइ राखे करि अपुने सदा सदा रंगु माणि ॥१॥ साचा साहिबु सद मिहरवाण ॥ बंधु पाइआ मेरै सतिगुरि पूरै होई सरब कलिआण ॥ रहाउ ॥ जीउ पाइ पिंडु जिनि साजिआ दिता पैनणु खाणु ॥ अपणे दास की आपि पैज राखी नानक सद कुरबाणु ॥२॥१६॥४४॥ 🙏🙏 Sorat’h, Fifth Mehl: He did not take my accounts into account; such is His forgiving nature. He gave me His hand, and saved me and made me His o...