स्वजातीय समाचार :========= सरदार दर्शन सिंह भमलोत ने अपने भान्जे के लिये साली की लड़की को भगाने में किया सहयोग ।=====लड़के व लड़की के मां की एक ही जाति होने के कारण: लड़की वालों ने रिश्ते से किया था इन्कार
स्वजातीय समाचार :
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    सरदार दर्शन सिंह भमलोत ने अपने भान्जे के लिये साली की लड़की को भगाने में किया सहयोग ।
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लड़के व लड़की के मां की एक ही जाति होने के कारण:  लड़की वालों ने रिश्ते से किया था इन्कार 
नई दिल्ली । नई दिल्ली, कालका जी निवासी सरदार दर्शनसिंह भमलोत ने बिलीमोरा (गुजरात) निवासी अपने भान्जे सरदार राजू सिंह के सुपुत्र गुरबक्श सिंह की शादी के लिये अजमेर निवासी अपनी साली की लड़की को भगाने में मदद कर गैर सामाजिक कृत्य को अंजाम देते हुए कोर्ट मैरिज करा दिये जाने का निंदनीय मामला प्रकाश में आया है । जिसकी समाज के अनैक प्रबुद्ध नागरिकों सन्त महापुरुषों ने निंदा की है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दर्शनसिंह भमलोत (मिन्ना) के भान्जे राजूसिंह के सुपुत्र गुरबक्श सिंह की सगाई की बात अजमेर निवासी इनकी साली सरदारनी निर्मल कौर धर्मपत्नी सरदार जगजीत सिंह फताणी की लड़की के साथ चली थी, लेकिन लड़की के माता व लड़के के पिता की जाति गौत्र एक ही मनकाण होने के कारण लड़की वालों अर्थात अजमेर निवासी सरदार जगजीतसिंह ने रिश्ता करने से इनकार कर दिया था।
सरदार जगजीतसिंह भमलोत के अनुसार यह बात सरदार दर्शनसिंह को नागवार लगी और रिश्तेदेरी का फायदा उठाते हुऐ सरदार दर्शनसिंह भमलोत ने लड़की को बहला फुसला कर रातों रात एक कार में अपने भान्जे को अजमेर भेजकर लड़की को अपने साथ बिलीमोरा (गुजरात) ले गये और लड़के के परिवार जनों ने कोर्ट मैरिज करा दी, बाद में गुरूद्वारे में आन्नद कारज के लिये स्थानीय पंचायत को कहा, स्थानीय पंचायत के प्रमुख सेठ पिची भाई ने लड़की के माता पिता को आन्नद कारज के लिये बुलाने को कहते हुऐ कहा कि लडकी के माता पिता की गैर मौजूदगी में आन्नद कारज नहीं कराया जायेगा।
रिश्ते की बात चलने पर लड़की के मां की जाति और लड़के के पिता की जाति एक गौत्र मनकाण होने पर लड़की वालों ने रिश्ता नामंजूर कर दिया था, लेकिन लड़के के मामा दर्शनसिंह ने रिश्तेदारी की आड़ में लड़की के सम्पर्क में रहते हुऐ अपने भान्जे की मदद की और लड़की को बहलाने-फुसलाने में सफल हो गये।
             महन्त भाई सुखदेव सिंह, सम्पादक गोपालसिंह लबाना,  सरदार आसुसिंह (सेठ पिची भाई) बिली मोरा, सरदार दर्शनसिंह खेमाणी (उल्हासनगर) आदि ने इस घटना की निन्दा करते हुऐ कहा है कि कि समाज में रिश्ता जोड़ते समय लड़के - लड़की  के माता-पिता की जाती (गौत्र) को तो छोड़ना ही पड़ता है। ऐसा नहीं करके नई दिल्ली  कालका जी निवासी सरदार दर्शन सिंह  भमलोत  व बिलीमोरा निवासी सरदार राजूसिंह सुपुत्र  सरदार महलूसिंह   मनकाण ने गैर सामाजिक कृत किया है। जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। 
✍जी. एस.लबाना 
सम्पादक: लबाना जागृति सन्देश, 
अजमेर  @ 9414007822
  
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