LABANA JAGRTI SANDESH




श्री अखण्ड पाठ साहिब की समाप्ति उपरान्त  गुरुबाणी शब्द कीर्तन के साथ सम्पन्न हुआ तीन दिवस नाम सिमरन धार्मिक  समागम: 

जलोर ।  जालोर स्थित अभिजीत ग्रेनाईट इण्डस्ट्रीज के संचालक  किरणोंत परिवार ने 6 अक्टूबर 2022 को श्री अखण्ड पाठ साहिब आरम्भ करवाया, जिसकी समाप्ति 8 अक्टूबर 2022 को हुई उपरान्त गुरुबाणी कीर्तन दरबार सजाया गया। 


6 अक्टूबर को प्रात: 8-00 बजे  गुरुबाणी शब्द कीर्तन के उपरान्त श्री अखण्ड पाठ साहिब आरम्भ करवाया। विधी विधान अनुसार आरम्भ हुआ, श्री  अखण्ड साहिब के समय अखण्ड  जोति प्रजलित की गई और चवंर साहिब की सेवा भी अखण्ड जारी रही । श्री अखण्ड पाठ साहिब की  आरम्भता  से पाठ साहिब के भोग तक सुबह शाम नितनेम आसादीवार का कीर्तन, शाम के दीवान में रहिरास साहिब का पाठ, गुरुबाणी शब्द कीर्तन एवं अरदास की गई।

आने वाले हर एक अतिथि  का फूल माला और ढोल-धमाके के साथ किरणोंत परिवार ने किया स्वागत: 

 अतिथियों का  आना 4 अक्टूबर   से आरम्भ हो गया था और इसी दिन से जब भी देर-  सवेर अतिथि आए उनका स्वागत परिवार जनों ने माला पहना कर, थाली में  ज्योति प्रजलित  कर, आरती उतारी और ढोल धमाके के साथ स्वागत  किया। अतिथियों का आना 8 अक्टूबर को प्रात: तक जारी रहा । एक अनुमान के अनुसार लगभग इस धार्मिक सामजिक समागम में  लगभग 500 लोग राजस्थान, महाराष्ट्र, उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उतराखण्ड, दिल्ली  गुजरात आदि के  शहरों से शामिल हुए ।  7 और 8 अक्टूबर  के  दिन ऐसा लग रहा था जैसे थली दरबार साहिब  का जोड़ मेला  हो । सन्त बाबा  सीतल सिंह साहिब ( महू वालों) की कृपा से मुझ दास को समाज के अनेक व्यक्तिगत तौर पर आयोजित अथवा सामजिक तौर आयोजित  पंचायती कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिला, लेकिन जो दास ने  इस बार देखा वह पहली बार था, परिवार के हर एक सदस्य  अतिथियों का स्वागत सत्कार में उत्साहित था, स्वागत के साथ ढोल धमाके पर नाच रहे थे । 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर सांय तक सभी अतिथियों को लंगर प्रसाद खिलाने की सेवा परिवार के सभी छोटे बडे सदस्य  कर कर रहे थे। सरदार राजेन्द्र सिंह किरणोंत के अलवर निवासी बहन- बहनोई सरदारनी सुशीला कौर- सरदार त्रिलोक सिंह धनवान ने भी साध संगत की बहुत सेवा की। 

समागम के काम काज और साध संगत की सेवा में सरदार हरबन्स सिंह  किरणोंत के  मित्रगण श्री राजू चौधरी, श्री तरुण सिद्धावत, श्री जयपाल सिंह, श्री  दिनेश जागिड़,  श्री निखिल देव श्री वरुण पोमल, सरदार  सुप्रीत सिंह,  सरदार गुरमीत सिंह, सरदार  रविन्द्र सिंह  सरदार  मलकीत सिंह आदि हर समय लंगर, चाय पानी, झूठे बर्तन आदि की सेवा करने में तन मन से अग्रणी रहे।

 

बीबी चरन जीत कौर खालसा समेत अन्य रगी सिघों ने मधुर वाणी से गुरुजस गायन कर संगत को किया निहाल :

श्री  अखण्ड पाठ साहिब के भोग उपरान्त   गुरुबाणी कीर्तन दरबार सजाया गया, जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी बीबी चरन जीत कौर खालसा ( दिल्ली  वाले) ने "प्रभ पास जन की अरदास तूं सचा सांई" =( श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी पृष्ठ सं . = अंग 517), "चित अवै तां महा आन्नद"=( अंग 1141), "कोई आण मिलावे मेरा प्रीतम पियारा हऊ तीस पहि आप वैचाई"=(757), " हरि मनि तनि वसिआ सोई जै जै कारु करै सब कोई"=(629), भाई भजन सिंह जी (रतलाम) ने "आपे रसिया आप रस"=(भाई गुरदास जी की वार:2 पा. 3), भाई बाबू सिंह जी (गोबिन्दगढ, अलवर लावे) ने "गुरि पुरै  मेरी राखि लई अमृत नाम रिदे मैं दिनों  जनम जनम की मेलु गई" =( अंग 823),   भाई अजीत सिंह हैड ग्रन्थी गुरुद्वारा सिंह सभा पाली) ने "पूता माता  की असीस। निमख न बिसरऊ तुम् को हरि हरि सदा भजहु जगदीश"=(अंग 486), भाई भगत सिंह गम्भीर (नई दिल्ली वाले)  ने " अवलि अलह नूरु उपाईया कुदरत के सब बन्दे"=(अंग 1349 प्रभाती भगत कबीर जी),  भाई अजीत सिंह सोढ़ी (अहमदाबाद),  काक  अजीत सिंह, काका  युवराज सिंह आदि ने भी गुरुबाणी शब्द कीर्तन रही संगत को निहाल किया।   गुरुबाणी शब्द कीर्तन दरबार का संचालन पाली निवासी भाई गोबिन्द सिंह (सचिव गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा पाली) ने किया। 

अतिथियों ने आयोजकों का किया सम्मान 


कीर्तन दरबार समागम में  गान्धीधाम (गुजरात) से आई संगत ने किरणोंत परिवार  का सम्मान करते हुए परिवार के सदस्यों  माता श्रीमति कला देवी, सरदार राजेन्द्र सिंह, सरदार हरबन्स सिंह, काका अभिजीत सिंह आदि को शाल ओढाकर  सत्कार किया।  वहीं सरदार सूरज सिंह विझंरावत ने तलवार भेट कर सम्मानित किया । इससे पहले श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग उपरान्त  सम्पादक गोपाल सिंह लबाना की धर्म पत्नि गोपी बाई  ने माता श्री मति कला देवी  व सम्पादक गोपाल सिंह लबाना ने सरदार राजेन्द्र सिंह व सरदार हरबन्स सिंह को  सिरोपाऊ व माला भेट कर सम्मानित किया।   

सन्त महापुरुषों के पगचिन्हो पर हुआ समागम


गुरुबाणी कीर्तन दरबार के पश्चात् अरदास कर हुकमनामा लिया गया । गुरु लंगर दिन रात  देसी घी का अटूट वरताया गया, श्री अखण्ड पाठ साहिब व लंगर आदि गुरुबाणी शब्द कीर्तन दरबार का सम्पूर्ण कार्यक्रम  सन्त महापुरुषों जैसा ही आयोजित किया गया था। 

अतिथियों के आदर सत्कार में भूल-चूक, कमी-पेशी पर मांगी क्षमा: 

किरणोंत परिवार ने सभी  अतिथियों, रिश्तेदारों, मित्रगणों से  क्षमा  मांगते हुए कहा है कि  हमारे द्वारा आपकी  सेवा टहल चाकरी में अनैक भूल चूक कमी पेशी रह गई  होगी, साध संगत को परेशानी भी हुई होगी, साध संगत बक्शणहार है कृपा करके बक्श लेना । 


किरणोंत परिवार जनों आई समूह साध संगत को वस्त्र आदि भेट कर सत्कार सहित विदा किया।  

सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु, रिश्तेदार और इष्ट मित्र हुए शामिल: 

गान्धीधाम निवासी सरदार मान सिंह ( इफको कम्पनी वाले), सरदार  गुरबच्चन  सिंह, सरदार  रणधीर सिंह,  सरदार रघुवीर सिंह,  सरदार गुरुचरण सिंह,  सरदार चरण सिंह गुलवान, अहमदाबाद निवासी  जरनैल सिंह फताणी (इन्कम टैक्स अधिकारी),  हरभजन सिह गुलवान ( सेवानिवृत्त गार्ड),  भाई  अजीत सिंह खालसा, बिलीमोरा निवासी सरदार आसु सिंह उदाण (पिच्ची सेठ), उल्लास नगर निवासी अजीत सिंह, दिलीप सिंह विझांरत (श्री गंगानगर वाले), मुम्बई कल्याण निवासी सरदार जगदीश सिंह छोहित,  सरदार  राजु सिंह छोहित  ( पुलिस क्राइम ब्रांच),  काशीपुर निवासी सरदार गुरुमुख सिंह प्रधान,  नोएडा निवासी हरपाल सिंह,  चतर सिंह सेठ गुलवान, सरदार   जोगेंद्र सिंह (चार्टर्ड एकाउंट), नई दिल्ली निवासी सरदार हरबसं सिह बुलानी, सरदार भाई भगत सिंह गम्भीर, सरदार रघुवीर सिंह सरदार इन्द्रजीत सिंह बदाण,  सरदार चरणजीत सिंह धलवान, सरदार परमजीत सिंह सरदार प्रभु सिंह विझरावत (अफसर), सरदार जोगेंद्र सिंह जी, सरदार संजय सिंह जी,  सरदार जितेंद्र सिंह जी, सरदार  सोहन सिंह जी,  सरदा शेर सिंह जी, सरदार  रविंद्र सिंह जी, सरदार  गोविंद सिंह जी,  गाजियाबाद निवासी सरदार जितेन्द्र सिंह अणदायण,  सरदार  जोगेंद्र सिंह सरदार शेरसिंह सरदार साजन सिंह सरदार  जगदीश सिंह  सरदार सुरजीत सिंह सरदार  अमरजीत सिंह भुजाण, सरदार  तेज सिंह सरदार  इन्द्रजीत सिंह सरदार प्रीतम  सिंह किरणोंत,  सरदार  अमरजीत सिंह भुखिया, विठ्ठल वाड़ी मुम्बई निवासी सुरजीत सिंह गुलवान विठ्ठल वाड़ी मुम्बई, दादर निवासी सरदार  करतार सिंह, पाली निवासी सरदार रणजीत सिंह,  महेंद्र सिंह गुलवान,  सरदार  मोहन सिंह, सरदार  पुरण सिंह, सरदार  हरवंश सिंह रणजीत सिंह किरणोत, श्री गंगानगर निवासी सरदार चरण सिंह छोहित ( सेवानिवृत्त पी.एन.बी. बैंक), बीकानेर निवासी सरदार  गुरुचरण सिंह, अजय नगर अजमेर निवासी सरदार रंजीत सिंह (कार्यरत उतर पश्चिम रेलवे, अजमेर) सरदार हरिसिंह दिग्नोंत (पूर्व प्रधान गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब, लबाना कालोनी, अजमेर),  फरीदाबाद कालोनी अजमेर निवासी  सरदार  अमरीक सिंह (आरपीएफ निरिक्षक),   लबाना कालोनी अजमेर निवासी सरदार गुरबच्चन सिंह, गुलाब शाह तकिया अजमेर निवासी सरदार श्याम  सिंह गुलवान, सरदार हरविन्दर सिंह,  सरदार कशमीर सिंह गुलवान,  सरदार करनैल सिंह गुलवान, सरदार कृपाल सिंह गुलवान,  आम का तालाब, गुलाब बाडी अजमेर निवासी सरदार घनशाम सिंह  (सेवानिवृत आरपीएफ) रावण की बगीची अजमेर निवासी सरदार डाक्टर गुरबच्चन सिंह, वैशाली नगर अजमेर निवासी सरदार गोपाल सिंह विझंरावत (पंजाबी ब्यूटिक टेलर), झलकारी बाई नगर, पंचशील अजमेर निवासी  सरदार जगदीश सिंह भमलोत (पाली वाले), वैशाली नगर अजमेर निवासी  सरदार त्रिलोक सिंह ननगाण, मित्र नगर, वैशाली नगर अजमेर निवासी  सरदार बलबीर सिंह सुपुत्र स्व.  सरदार  केवल सिंह किरणोंत, सरदार खुशाल सिंह सुपुत्र सरदार आन्नद सिंह किरणोंत,   पत्रकार कालोनी कोटडा अजमेर निवासी सम्पादक गोपाल सिंह लबाना, कोटडा अजमेर  निवासी सरदार जसवंत सिंह सुपुत्र सरदार स्व. अर्जुन सिंह (पेन्टर),  पंचशील अजमेर निवासी सरदार सूरज सिंह विझंरावत  प्रधान गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब (ब्लेज फैशन टेलर) आदि के  अतिरिक्त सैंकडों गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

राजनैतिक हस्तियां भी हुई शामिल: 

जालोर के विधायक श्री जोगेश्वर गर्ग, जालोर नगर पालिका  चेयरमैन गोविन्द टाक, पूर्व पार्षद मानसिंह सिसोदिया, जालोर ग्रेनाईट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजू चौधरी  पटवारी श्री वरुण शर्मा,  श्री प्रशांत शर्मा, जनाब  हिमायत अली,  जनाब मुजफ्फर अली  जुगल दवे के अतिरिक्त अन्य कई राजनैतिक हस्तियां भी समागम में  शामिल हुई। 
 

किरणोंत परिवार की पहचान: 

फर्श से अर्श का सफर  

यह किरणोंत परिवार मूल रूप से पाली निवासी है,  पाली निवासी स्वर्गवासी  सरदार मगन सिंह जी किरणोंत पाली मिल में कार्यरत थे, पार्ट टाईम बाजार में दुकानों के शटर रिपेयरिंग का काम करते थे, रिपेरिग॔ के काम में  हेल्पर के तौर पर अपने ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र सिंह को साथ लेकर जाते थे, कभी कभी इस काम के लिये राजेन्द्र सिंह की स्कूली से छुट्टी भी करा देते थे, मिल में इतनी तनख्वाह नहीं मिलती थी जिससे परिवार का ख़र्च चल सके, जब राजेन्द्र सिंह ने पांचवी कक्षा पास कर ली तब पिताश्री ने कहा कि आगे की पढाई के  लिये  अपनी आर्थिक स्थिति नहीं है, तब राजेन्द्र सिंह पिताश्री को कहा मैं पढना चाहता हूँ और मैं अपनी पढ़ाई का खर्च खुद कमाऊंगा, पिताश्री  से सहमति मिलने पर राजेन्द्र सिंह स्कूल से आने के बाद गर्मी के दिनों में बच्चों की कुल्फियां बेचना शुरू किया, जिससे इन्हें  रोज एक डेड रुपये की आमदनी हो जाती थी, कभी कुल्फियां नहीं बिकने, गल जाने का नुकसान भी सहना पड़ता, इसे यह अपनी कापी किताब खुद खरीदते और स्कूल की फीस देते,  जब राजेन्द्र सिंह 8वीं कक्षा प्रवेश लिया तो सुबह पहले जल्दी उठकर अखबार बेचने (हाकर) का काम करते,  इससे इन्हे 80/- रुपये महीना मिलते थे, दीपावली व गर्मी  की छुट्टीयों में पूरा दिन औवर टाईम  लगा कर  मिल में काम करते वहां से इन्हें पांच रुपये रोज मिलते। अपनी पढ़ाई का खर्च खुद कमाते 1991 में एमकाॅम की डिग्री प्राप्त की। एमकाॅम करने के बाद 800/- महिने की तनख्वाह पर पाली में ही चीमा ग्रेनाईट इन्डस्ट्री  लि. की आफिस में आफिस बाय का  काम किया, चीमा ग्रेनाईट इन्डस्ट्री लि. ने इनके काम और इमानदारी महनत को देखते हुए जालोर में चीमा ग्रेनाईट इन्डस्ट्री की  फैक्ट्री पर काम के लिये भेज दिया और वहीं पर राजेन्द्र सिंह ने फैक्टरी के  प्रोडक्शन, और सेल्स मैनी मार्केटिंग का  काम 10 वर्ष 2002 तक किया,  तब इन्हे चीमा ग्रेनाईट इन्डस्ट्री से आवास, वाहन ड्राइवर आदि  सुविधा के साथ 25000/-  रुपये महीना मिलते थे। इस बीच 1996 में राजेन्द्र सिंह ने अपने पिता श्री को विनती कर मील नौकरी से इस्तीफा दिला दिया और घर परिवार की पूरी जिम्मेदारी अपने उपर ले ली ।

2002 में राजेन्द्र सिंह ने जमीन खरीद कर अपनी फैक्टरी अभीजीत ग्रेनाईट इन्डस्ट्री आरम्भ की। तब तक राजेन्द्र सिंह के लघु भ्राता सरदार  हरबन्स सिंह भी अपने भाई के साथ लक्षमण की भांति हर प्रकार से सहयोग करते । अभीजीत ग्रेनाईट इन्डस्ट्री में पहले छोटी मशीने थीं जिसमें छोटी साईज के ग्रेनाईट  पत्थर ( सिल्पें) तैयार होती दी, अब बडी और फुल साईज की मशीने हैं, लगभग 30, मजदूर फैक्टरी में  काम करते है, मजदूर परिवार सहित फैक्टरी में ही रहते हैं, उनके रहने के लिये सरवेन्ट क्वाटर बने हुए हैं, मजदूरों को  रहने की सुविधा के साथ गैस सिलेंडर फ्री दिया जाता है, मजदूर सिर्फ खाने-पकाने का कच्चा सामान अपनी व्यवस्था करते हैं, फैक्टरी चौबीसों घन्टे चलती है मजदूरों  तीन शिफ्ट में अपना अपना काम करते है । अब कच्चे माल की खरीद और तैयार माल की बिक्री मार्केटिंग का काम राजेन्द्र सिंह के लघु भ्राता सरदार हरबन्स सिंह जी देखते हैं । सरदार राजेन्द्र सिंह के सुपुत्र काका अभीजीत सिंह ने एमकाॅम की पढाई पूरी कर अरिहंत टाइल्स कम्पनी में सात साल तक सहायक प्रबन्धक पद पर कार्य किया ताकि आपने कार्य को ओर आगे बढाया जा सके वर्तमान में  अभिजीत सिंह भी अपने व्यवसाय से जुड़े है, सुपुत्री हरिप्रत कौर "पलवी" जयपुर में मालवीय नेशनल इनस्ट्यूट आफ ट्रेनिंग (एम.एन.आई.टी.) में एम.ए.सी. का कोर्स कर रही है, दूसरी सुपुत्री  सुपुत्री गुंजन कौर सी.ए. की पढाई कर रही है इनका अन्तिम फाइनल इयर पढाई का चल रहा है ।


जालोर में  किरणोंत परिवार की 

वी.आई.पी. रुप पहचान:

जालोर में अभिजीत ग्रेनाईट इन्डस्ट्रीज के किरणोंत परिवार की आम जन में वी आई पी परिवार के रूप पहचान  बनी हुई है, इनके परिवार में सभी छोटे बडे सदस्यों के पास 16  मोबाइल फोन हैं उनके सभी के लास्ट के नम्बर 99 99 हैं और इनके परिवार में चार फोर  व्हीलर, चार टू व्हीलर हैं उन सभी के  नम्बर भी  99 99 हैं ।  

सम्पर्क:
अभीजीत ग्रेनाईट इन्डस्ट्रीज
खालसा एस्टेट, अहमदाबाद-जालोर हाईवे,
टोल पालजा के पास, गांव भागली - मादलपुरा,
जिला - जालोर 343001  (राजस्थान)
सरदार राजेन्द्र सिंह:
99285 39999,  99282 69999
सरदार हरबन्स सिंह:
99294 39999,  99294 29999
काका विक्रमजीत सिंह :
99291 59999,  99291 49999
काका अभीजीत सिंह:
99291 39999,  99282 49999

देखें विडियो में समागम की छलक : 👇👇


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
रिपोर्टिंग, लेखक, प्रकाशक :
गोपाल सिंह लबाना
सम्पादक
लबाना जागृति सन्देश
अजमेर-मोबाइल: 9414007822 




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