संत सीतलसिहं जी कोमल शान्त स्वभाव के नाम जपना व जानने वाले परोपकारी संत थे : रागी भाई हरनाम सिंह रसिया

"कबीर सेवा कउ दुइ भले एकु संतु इकु रामु ॥"
"रामु जु दाता मुकति को संतु जपावै नामु ॥"

संत सीतलसिहं जी कोमल शान्त स्वभाव के नाम जपना व जानने वाले परोपकारी संत थे : रागी भाई हरनाम सिंह  रसिया 


अजमेर 11 मई,  ( जी.एस. लबाना)। कोमल शान्त स्वभाव के  सन्त बाबा सीतल सिंह जो हर समय सिमरन में जुडे रहते थे, जिन्होंने बहुत सारे घर बरसाए, उनकी संगत में जो भी आया तर गया, इन्हेंने आप नाम जपा औरों को जपाया। सन्तों का स्वभाव ही लोगों को बचाना तराना है,  सन्त की संगत में पापी भी और जाते हैं, वालमिक डाकू को सन्त मिला था और वो तर गये, अजामल पापी पर भी  सन्त की कृपा हुई, नदी किनारे  एक सन्त ने  पानी से बिच्छु को हाथ से बाहर निकलने लगे, बिच्छु ने डंक मारा सन्त ने हाथ हिलाया तो बिच्छु वापिस पानी में गिर गया, बार बार सन्त बिच्छु को बचाते  पर बिच्छु डंक मारता फिर पानी में गिर जाता, पास खडे शिष्य ने कहा आप इसे बचा रहे है और यह  आपको डंक मार रहा है छोड दो, सन्त ने कहा डंक मारना इसका स्वभाव है और बचाना मेरा स्वभाव है कहते हुए रागी भाई हरनाम सिंह "रसिया"  (दिल्ली वालों) ने  गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब, लबाना कालोनी अजमेर में ब्रह्मज्ञानी सन्त बाबा सीतल सिंह जी (महूवालों) वार्षिक  वर्सी  के अवसर पर सजे गुरुबाणी कीर्तन दरबार  उक्त विचार जाहिर  करते गुरुबाणी शब्द  "संतहु राम नामि निसतरीऐ ॥ ऊठत बैठत हरि हरि धिआईऐ अनदिनु सुक्रितु करीऐ ॥" (अर्थात: हे संतो ! राम-नाम के स्मरण से ही मुक्ति प्राप्त होती है।इसलिए हमें उठते-बैठते हर समय परमात्मा का ध्यान करना चाहिए और प्रतिदिन शुभ कर्म ही करने चाहिए।।  श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी अंग "पृष्ठ" 621),  "कबीर सेवा कउ दुइ भले एकु संतु इकु रामु ॥ रामु जु दाता मुकति को संतु जपावै नामु ॥" ( अर्थात: कबीर जी उद्बोधन करते हैं कि सेवा के लिए दो ही भले हैं, एक संत और एक राम।।क्योंकि राम मुक्ति देने वाला है और संत मुक्तिदाता का नाम जपवाता है। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी अंग "पृष्ठ" 1364), आदि गुरुबाणी शब्द कीर्तन गायन करने  के साथ आरती साहिब व आन्नद साहिब का पाठ कर निहाल करते हुए सन्त जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया। 

ब्रह्मज्ञानी सन्त बाबा सीतल सिंह जी (महेश वालों) की  पवित्र याद में वार्षिक वर्सी गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब अजमेर में  9 ,से 11 मई 2023 को मनाई गई। 9 मई को श्री अखण्ड पाठ साहिब आरम्भ करवाया गया था जिसका भोग आज प्रात:11-00 बजे  पढा उपरान्त गुरुबाणी शब्द कीर्तन दीवान सजाया गया। 

सजे गुरुबाणी कीर्तन दरबार में दिल्ली से आए  रागी भाई हरनाम सिंह जी रसिया से पहले पहले रागी भाई सोनू सिंह-भाई सुरजीत सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा सिंह सभा हाथी भाटा अजमेर, रागी भाई सुरजीत सिंह सिंधु हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा श्री गुरु गुरु रामदास साहिब, रागी भाई सतपाल सिंह जी (जयपुर वाले) हजूरी रागी गुरुद्वारा गुरु नानक गंज अजमेर, रागी भाई अभिजीत सिंह  हजूरी रागी गुरुद्वारा श्री बाला साहिब अजमेर ने भी गुरुबाणी शब्द कीर्तन कर  संगत को निहाल करते हुए सन्तों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।  गुरबाणी शब्द कीर्तन उपरान्त अरदास एवं  हुकमनामा गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब के हैड ग्रंथी भाई सुरजीत सिंह सिन्धु ने संगत को स्वर्ण कराया उपरान्त गुरु का अटूट लंगर प्रसाद वितरित किया गया।

सन्ती जी की पवित्र याद का यह कार्यक्रम सन्ती जी कृपा सदके साध संगत की सहयोग ही सम्पन्न हुआ।  श्री अखण्ड पाठ साहिब एवं लंगर  की सेवा भाई जगदीश सिंह सुपुत्र भाई तीर्थ ( अमेरिका वालों) ने की, दिल्ली वाले  रागी भाई  हरनाम सिंह जी रसिया संगत के स्वेच्छा  दर्शन करने पधारे थे। उक्त भाई जगदीश सिंह भाई हरनाम सिंह रसिया का सन्त जी से बहुत स्नेह था ।












https://youtu.be/gh6QQQrLdrU

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सन्त जी के चरणों में हमारा शत् शत् नमन् 

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की ओर से साध संगत के चरणों में वेन्ती है कि :  कृपा करके इस समाचार को अधिक से अधिक श्रध्दलुओं तक भेजकर संतजी की खुशियां प्रात करें। 🙏

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साधसंगत के चरणों का दास 
गोपालसिहं लबाना 
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